Dwarka: Unveiling Ancient Splendor : द्वारका प्राचीन नगरी का धार्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप
Dwarka: Unveiling Ancient Splendor : द्वारका प्राचीन नगरी का धार्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप
द्वारका, जो कृष्ण भगवान के नाम से प्रसिद्ध है, अब गुजरात राज्य के पश्चिमी तट पर स्थित है। इसकी स्थानांतरण गुजरात राज्य के पोरबंदर जिले के कच्छ जिले में होता है। द्वारका गुजरात के महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां लोग आस्था और प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को महत्वपूर्ण मानते हैं।द्वारका, जिसे एक समय पुराने काल में कृष्ण भगवान के नाम से जाना जाता था, भारतीय इतिहास और पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। द्वारका को सदियों से एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में पूजा जाता रहा है, लेकिन वर्तमान में इसकी स्थिति बदल गई है।
विभिन्न इतिहासिक स्रोतों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वारका कृष्ण भगवान की नगरी थी और महाभारत काल में युद्ध के बाद यह समुद्र में डूब गई थी। इस प्रकार, इस स्थान को विशेष रूप से प्राचीन भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान मिलता है। हालांकि, आधुनिक अनुसंधानों और वैज्ञानिक अध्ययनों के साथ, इस पुरानी धारणा को पुष्टि नहीं मिलती है और द्वारका की वास्तविक स्थिति पर सवाल खड़ा होता है।
विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में प्रगति के साथ, एक नया दृष्टिकोण आया है जो द्वारका की स्थिति को सुधारने का प्रयास कर रहा है। अनुसंधान के आधार पर, विशेषज्ञों ने बताया है कि द्वारका का स्थान गुजरात राज्य के पश्चिमी किनारे पर स्थित उत्तर सागर में हो सकता है।
Dwarka: Unveiling Ancient Splendor : द्वारका प्राचीन नगरी का धार्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप
गुजरात के पोरबंदर जिले में, शंकराचार्य द्वारा स्थापित एक श्रीक्षेत्र के रूप में माना जाता है, जिसे द्वारका के रूप में जाना जाता है। इस स्थान पर एक प्राचीन मंदिर स्थित है जिसे देवों के लिए समर्पित किया गया है और यहां हर साल बड़े धार्मिक महोत्सव मनाए जाते हैं।
यहां के प्रमुख प्राचीन मंदिर में कृष्ण मंदिर शामिल है, जो कृष्ण भगवान को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण सन् 400 ईसा पूर्व हुआ था और यह एक प्रमुख पिलग्रीम स्थल है जहां लोग अपने आस्थाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं।
इस स्थान के चारों ओर कई अन्य प्राचीन मंदिर और स्थल हैं जो इसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाते हैं।
द्वारका
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